इस रविवार भारत और पाक अपने राष्ट्रीय खेल यानि हॉकी में आमने-सामने होंगे। दिल्ली के मेजर ध्यान चंद स्टेडियम की बदली फिजा में १२वें हॉकी विश्व कप के पहले मुकाबले में दोनों मुल्क भिडें़गे। मैच की सारी टिक टें एक सप्ताह पहले ही बिक चुकी हैं और इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों चिर प्रतिद्वदियों के बीच यह मुकाबला कितना दिलचस्प होने वाला है। साथ ही भारत में चल रही क्रिकेट श्रृखंला के खत्म होने के कारण भी लोगों की इसमें ज्यादा दिलचस्पी होगी। दोनों मुल्कों के दर्शक के लिए अपनी टीम को हारते देखना रास नहीं आता है और इस बात से दोनों मुल्कों के खिलाड़ी पूरी तरह वाकिफ होंगे।
मैच से दो दिन पहले तक देखा जाए तो पलड़ा दोनों का भारी लगता है। रैंकिंग और प्रदर्शन पर नजर डालने पर लगता है कि पाकिस्तान की टीम भारत से कहीं ज्यादा संतुलित और आक्रामक है। वर्ल्ड हॉकी में 7वें पायदान पर खड़ी पाक टीम को 12वें नंबर की भारतीय टीम से बेहतर माना जा रहा है। साथ ही 2009 में भारत तीन बार पाक टीम से हार भी चुका है। मगर भारत के पास भी अपने घर पर शेर बनने का एक मौका होगा। करीब 19 हजार दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में भारतीय टीम को घरेलू दर्शकों का पूरा समर्थन मिलेगा जो उनके प्रदर्शन में उछाल ला सकता है।
वल्र्ड रैंकिग, पिछला प्रदर्शन और वर्तमान टीम जैसी तमाम तुलनाओं से परे एक चीज है जो दोनों मुल्कों की टीमों को एक तराजू पर लाकर खड़ा कर रही है। और वो है इस मुकाबले से पहले दोनों देशों के खिलाड़ियों के एक बराबर बोझिल और भटके मन। कहा जाता है कि खेल में जीत के लिए खिलाड़ियों की “Presence of mind”
यकीनन दूसरी ओर पाक टीम तो इससे भी ज्यादा गंभीर मानसिक बोझ को ढो रही है। भारत आने से पहले पूरे पाकिस्तान में पाक क्रिकेटरों के आईपीएल में शामिल न किए जाने पर भारत का विरोध किया जा रहा था। पाक हॉकी टीम पर पूरे देश से भारत में जाकर विश्व कप में शामिल न होने का दबाव बनाया जा रहा था।पूरा पाक आईपीएल के इस मुद्दे को नाक का सवाल बना चुका था और पाक खिलाड़ियों को अंतिम दिनों तक यह नहीं पता था कि वे भारत जाएंगे या नहीं। ऐसे में पाक खिलाड़ियों के मन में अपने देश के क्रिकेटर बंधुओं के प्रति यह भावना जरूर घर कर रही होगी। साथ ही भारत में सुरक्षा क ो लेकर बनाए गए खौफ की वजह से भी खिलाड़ियों में मानसिक अस्थिरता होगी।
दोनों देश ऐसे समय आमने-सामने आ रहे हैं जब दोनों मुल्कों के बीच संबध सामान्य नहीं हैं। भारत आंतकी हमलों को लेकर क्र ोध में है तो पाक भी भारत द्वारा अपने खिलाड़ियों की नजरांदाजगी को प्रतिष्ठा का सवाल बना चुका है। सुरक्षा को लेकर दुनिया संदेह की स्थिति में है। साथ ही दोनों देशों को खिलाड़ी मानसिक बोझ ढोते दिख रहे हैं। उम्मीदे चर्म पर होंगी, मुकाबला कड़ा होगा और हार किसी को मंजूर नहीं होगी।
ये तो हो गया।
जवाब देंहटाएंअब ?
आगे क्या?
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