मंगलवार, 13 जनवरी 2009

शाइनिंग टीम इंडिया


भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन आजकल अपने चरम पर है। पहले ऑस्ट्रेलिया को उसी की ज़मीन पर पटखनी दी और बाद में अपनी सरज़मी पर टेस्ट मैचों में भी धूल चटाई । शायद अब बारी अँग्रजों की है । भारत इंग्लैंड एक दिवसीय मैच श्रृंखला के पहले ही मैच में भारतीय शेरों ने अंग्रेजों के छक्के छुडा दिए । राजकोट के इस मैदान का नाम अब शायद युवराजकोट रख दिया जाए । 78 गेंदों में 138 रनों की नाबाद पारी ने सभी को चकित किया है। साथ ही वीरू -जय की जोड़ी अरे मेरा मतलब है कि सह्बाग - गंभीर की जोड़ी ने भी अंग्रेजों का अपने बल्लों से स्वागत किया । 178 रनों की इस बड़ी जीत ने बचे हुआ 6 मैचों को और रोचक बनाने की उम्मीद जगा दी है।यह कहा जाता है कि टीम में सीनिअर्स खिलाड़ियों के बिना टीम का प्रदर्शन गिरता है जिसका प्रमाण ऑस्ट्रलियाई टीम का हालिया प्रदर्शन है । परन्तु यह बात भारतीय टीम के मामले में अपवाद लगती है । टीम से धोनी के धुरंधरों ने अपनी कमिटमेंट से भारतीय क्रिकेट को नया चेहरा दिया है । आज की यह सेना ईंट का जवाब पत्थर से देने में विश्वास करती है । आज की टीम इंडिया अंग्रेजों की छींटाकसी का जवाब उन्ही के अंदाज देना सीख गई है।टीम के माही यानि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की करिश्माई कप्तानी का भी कोई जवाब नही है ।धोनी आज की टीम इंडिया का ही नहीं बल्कि पूरे देश के युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। मैदान में जहाँ वह अपने खिलाड़ियों को कभी न हार मानने की प्रेरणा देते है वहीँ मैदान के बाहर युवाओं को फैशन के मंत्र देते हैं । किसी भी तरह के विवाद से अछूते इस कप्तान ने भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई दी है ।

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