गुरुवार, 19 फ़रवरी 2009

नया रंग! नया जोश! मगर खोना नही होश ........


धोनी की टीम इंडिया कल एक अलग रूप- रंग में दिखी। कल टीम इंडिया की नई पोशाक को लान्च किया गया । धोनी के धुरंदर अब पुरानी आसमानी रंग की जर्सी में नहीं बल्कि नीले रंग में रंगे दिखेंगे। नई ड्रेस को न्यूजीलैंड दौरे से ठीक पहले लान्च करने का मकसद टीम इंडिया में नया जोश भरने का लगता है। टीम इंडिया का यह दौरा ऑस्ट्रेलिया के दौरे से भी कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। अपनी तेज़ और हरी पिचों के दम पर न्यूजीलैंड हर बार इंडिया को चकमा देता रहा है। २००२-०३ में भारत को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। पिछली बार हुए दो टेस्ट मैचों में टीम इंडिया ने तीसरे ही दिन घुटने टेक दिए थे। अपनी उछाल भरी पिचों के दम पर न्यूजीलैंड ने सात वनडे मैचों में भी पांच पर कब्जा किया था।
इस बार हालात बदल चुके हैं। टीम इंडिया की जर्सी बदल चुकी है , खिलाड़ी बदल चुके हैं , कप्तान बदल चुका है और शायद धोनी के यह नए शेर इतिहास भी बदल देंगे। अन्तिम बार १९६८ में भारत ने न्यूजीलैंड की धरती पर कोई टेस्ट सीरीज़ जीती थी। उस समय मंसूर अली खान पटौदी भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे थे। ४१ साल के इस सूखे को धोनी के यह धुरंदर ही ख़त्म कर सकते हैं । पूर्व भारतीय कोच जॉन राइट ने अपने इंटरव्यू में कहा है की अभी तक की भारतीय टीमों में यह सर्वश्रेष्ठ टीम है। "इस में वो हर क्वालिटी है जो न्यूजीलैंड पर उनकी ही पिचों पर हावी होने के लिए चाहिए।" धोनी की अगुवाई में टीम का प्रदर्शन वेहद अच्छा रहा है। टीम इंडिया के पास इशांत शर्मा और ज़हीर जैसी पेस बैट्री से भी काफ़ी उमीदें होगीं। दोनों ही गेंदबाज न्यूजीलैंड की उछाल भरी पिचों का फायदा उदा सकते हैं।
मगर न्यूजीलैंड की धरती पर जीत इतनी आसान नहीं है जितनी टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखते हुआ लग रहा है। टीम इंडिया को धैर्य और साहस से सामना करने की जरुरत होगी।
खैर जो भी हो टीम इंडिया के यह शेर अपने नए रंग और जोश में होश न खो दें।

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